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V. Aaradhyaa

Romance

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V. Aaradhyaa

Romance

बासंती हवा

बासंती हवा

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कम हो गई है ठंड की खुनक...

मौसम कुछ बदल सा रहा है !


घुल रही है खुशबु हवाओं में...

जीवन हौले हौले बदल रहा है !


लगता है फिर से हमारे ओसारे...

बसंत का रंग खिलनेवाला है !


सुबह की गुनगुनी धूप सुनहरी ...

गोधूली के बाद चांद चमकने वाला है!


शाम को खुशबु का चमन महकने वाला है!

अब तो ये बासंती मौसम संवरने वाला है!



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