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punam vaishnav

Romance Others

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punam vaishnav

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जब कुछ यूँ नज़रें मिलीं

जब कुछ यूँ नज़रें मिलीं

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पहली पहल में जब कुछ यूँ तुझसे नजरें मिली

यकीं तो ना था कि तू कुछ यूँ मुझे मिल जायेगा

मिलकर भी बिछड़ जायेगा 

खैर अभी तू यादों की मिठास चखते हैं

आंखों ही आंखों में कुछ तेरे मेरे दरमियाँ यूँ बातें होती 

कि इन आँखों से तो जुबां भी जलन लगी

ऊपर से तेरा यह कहना कि

तेरी आँखें ही तेरा दिल हाल बयां कर देती

सारे भेद ये दिल के खोल देती हैं

हमारी नज़र तेरी आँखों पर यूँ ठहरी 

कि हमें और कुछ देख ही नहीं पाये

पहली ही पहल तेरी आँखों के यूँ दीवाने हुए

जैसे हंस दीवाना हो मोती का



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