अगर वो होते
अगर वो होते
अगर वो शायर होते तो ,
मैं बन जाती उनकी कलम,
उनके ही हाथों से लिखती,
मैं अपने मन की सरगम,
अगर वह डोर होते तो ,
मैं बन जाती उनकी पतंग,
बेखौफ उड़ती तूफानों में,
बस में कर लेती उनका मन,
अगर वो धूप होते तो,
मैं बन जाती उनकी किरण,
अपनी रश्मि से रोशन कर देती,
उनका सूना सा जीवन,
अगर वो नाव होते तो,
मैं बन जाती जलतरंग,
बहा ले जाती संग अपने मैं,
साथ निभाती उनका हर कदम….

