मेरी ख्वाहिश
मेरी ख्वाहिश
कितनी मुश्किलों से तू मेरी जिंदगी में आई है,
खुदा की रहमत है तू, जो खुशबू बन मेरी जिंदगी में समाई है,
भूल जाता हूं मैं कभी-कभी कि कितनी नायाब है तू,
मिली बड़ी मुश्किल से है तू मुझे,
किस्मत ने ली मेरी बड़ी आज़माइश है,
कितनी मुश्किलों से तू मेरी जिंदगी में आई है…
सोचता था मैं कभी रात और दिन पाने की तुझे तरकीबें,
मुकद्दर मेरा जो तू खुद चलकर पास मेरे आई है,
कुर्बानियां कम तो नहीं दी है तूने भी,
हाथ थाम मेरा ना कभी तू डगमगाई है,
कितनी मुश्किलों से तू मेरी जिंदगी में आई है…
एक पल में ही बस जाती है तू मन में सबके यूं ही,
ना जाने कहां से तू यह हुनर लाई है,
कितना खुश नसीब हूं मैं जो तू मुझे चाहती है,
वरना तो ना जाने कितने ही दिलों की तू ख्वाहिश है,
कितनी मुश्किलों से तू मेरी जिंदगी में आई है….