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Lipika Bhatti

Romance

3  

Lipika Bhatti

Romance

प्यार का इजहार

प्यार का इजहार

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202

जब से जाना इश्क को,

तुम ही से प्यार करती हूं,

मजबूर हूं हाथों दिल के,

बस तुमको ही सोचा करती हूं..

दिल में तस्वीर छुपा तुम्हारी,

रोज़ निहारा करती हूं,

तुम्हारी प्यारी बातों को ,

याद कर मन में हंसती हूं…

कैसे कहूं मन की अपने,

मैं रोज कोशिश करती हूं,

जब तुम सामने आते हो ,

खुद से शर्माया करती हूं…

जब था हाथ थामा तुमने,

तब से ही तुम पर मरती हूं,

प्यार तो बेहद है तुमसे,

पर इजहार करने से डरती हूं…



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