STORYMIRROR

Praveen Gola

Romance

3  

Praveen Gola

Romance

कसक - कसक के

कसक - कसक के

1 min
173

कसक - कसक के ....दिल ये कह रहा, आज तो मिल बस ज़रा,

ये समां कल फिर न हो, दिल के अभी नहीं भरा।

दूर से कितनी बातें हों, चल सामने मुलाकातें हों,

ये दिल तेरे लिए मरा, कसक - कसक के ....दिल ये कह रहा।

चोरी - चोरी मिलने की वजह, प्यार की दिल में है जगह,

फिर भी दिल कहने से डरा, कसक - कसक के ....दिल ये कह रहा।

बाहों को गर्मी की ललक, ज़िस्म की मिले एक झलक,

आज़ा तू अब तो सुन ज़रा, कसक - कसक के ....दिल ये कह रहा।

लबों से लब मिलेंगे बेधड़क, दोनों को लगी नई तड़प,

अब और इंतज़ार ना करा, कसक - कसक के ....दिल ये कह रहा।|



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance