कसक - कसक के
कसक - कसक के
कसक - कसक के ....दिल ये कह रहा, आज तो मिल बस ज़रा,
ये समां कल फिर न हो, दिल के अभी नहीं भरा।
दूर से कितनी बातें हों, चल सामने मुलाकातें हों,
ये दिल तेरे लिए मरा, कसक - कसक के ....दिल ये कह रहा।
चोरी - चोरी मिलने की वजह, प्यार की दिल में है जगह,
फिर भी दिल कहने से डरा, कसक - कसक के ....दिल ये कह रहा।
बाहों को गर्मी की ललक, ज़िस्म की मिले एक झलक,
आज़ा तू अब तो सुन ज़रा, कसक - कसक के ....दिल ये कह रहा।
लबों से लब मिलेंगे बेधड़क, दोनों को लगी नई तड़प,
अब और इंतज़ार ना करा, कसक - कसक के ....दिल ये कह रहा।|

