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bhavi tiwari

Romance

3  

bhavi tiwari

Romance

Untitled

Untitled

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तुमसे हुआ है प्यार मेरे यार कैसे कहूं

तू ही बता दे बिन तेरे कैसे मैं रहूं


तेरी तस्वीर से मैं करती हूं बातें

दिन तो गुज़र जाए कटती न रातें

बातों से कैसा जादू तूने कर डाला

कैसा ये रोग तूने मुझको दे डाला


अपनों के बीच बैठी फिर भी अकेली

भाए नहीं मुझको मेरी सखी और सहेली

आंखों के रास्ते तुझको दिल में बसाया

जाने अंजाने तुझ पर हक है जताया


आजा मुझे मेरे प्रियतम बांहों में छिपा ले

तड़प रही हूँ मुझको गले से लगा ले। 


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