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bhavi tiwari

Romance

3  

bhavi tiwari

Romance

तुम चाहत हो मेरी

तुम चाहत हो मेरी

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माफ करना मुझे नादान हूं

नादानियां कर जाती हूं

बहुत चाहती तुमको तभी

तुम पर हक जमा जाती हूं

हर पल की बातों को मैं

तुम से बताना चाहती हूं

तुम चाहो न चाहो हमें

अब तो बस ये सोच लिया

तुम्हें बस हर पल खुश 

देखना चाहती हूं 

देखी तंग नहीं करेंगे

कभी भी तुम्हें हम

हकीकत मैं नहीं बस

सपनों में ही तुम्हें अपना

बनना चाहती हूं 



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