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Aditi Vats

Classics

4  

Aditi Vats

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लालिमा सी शुभ

लालिमा सी शुभ

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हिमवान और मैना देवी की पुत्री थी वो 

बचपन से शिव को जिसने साधा 

बचपन से शिव को जिसने प्रेम किया 

पार्वती माता थी वो।।


लाल आलते लगे पैरों से तप को चली थी वो

भूलकर महल की सुख सुविधा

शिव को पाने की तपस्या में थी वो 

पार्वती माता थी वो।।


वो हजारों वर्षों तक तप में लीन थी

ब्रह्मचारी सा जीवन जीने में लीन थी

दुनिया की सुध बुध खो शिव में लीन थी

पार्वती माता थी वो।।


उनके जैसा तप किसी ने ना किया था 

देवों ने ये दृश्य पहली बार देखा था

तभी ब्रह्मा ने उन्हें नाम ये दिया था 

तप लीन से "शैलपुत्री" थी वो।।


शुभ, उल्लास और जुनून का प्रतीक बनी 

शुभ कदमों से हिमालय वो आई

लालिमा सी शुभ सब कर गई वो 

पार्वती माता थी वो।।


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