सिया के राम
सिया के राम
है प्यार इस दुनिया में ये माना,
तुमको देख कर राम ये जाना !
सिया के मन में हुई हलचल,
पुष्प वाटिका में जब पाए तुम्हारे दर्शन!
मांगा तुम सा वर कर गौरी की पूजा,
तुम सा नहीं राम कोई दूजा।
चहरे पर जिसके हो सच्चाई,
सिया ने तुममें वो सूरत पाई!
मन ही मन सिया मुस्कुराई,
जब तोड़ शिव धनुष तुमने जनक की लाज बचाईं !
हो गई दिल से दिल की सगाई,
सिया राम के भाग्य में आयी!
सात जनम साथ देने का वचन निभाया,
सिया ने खुशी खुशी वनवास भी अपनाया!
दिया साथ एक दूजे का हर पल,
दोनों जैसे एक दूजे के दर्पण!
