मेरे उनका गुस्सा
मेरे उनका गुस्सा
रूठे वो चिल्लाए वों
गुस्से में कुछ भी कह जाए वो
आए जो मेरे चहरे पर उदासी
खुद फिर मुझको मनाए वो
कुछ ऐसा है मेरे उनका गुसा
सीधे से कोईं बात करे ना
अपनी बातों में उलझाए वो
हर दम करे मस्तियां मुझ से
जो मै करू तो मुंह फुलाए वों
कुछ ऐसा है मेरे उनका गुस्सा
यूं तो समझदार इतने की
मेरे दिल की हर बात समझ जाए वों
पर जो न दे पाऊं मे वक्त उन्हें
तो बच्चो सा गुस्सा दिखाए वो
कुछ ऐसा है मेरे उनका गुस्सा
जितना मैं मनाऊं उन्हें
उतना ही रूठ जाए वो
फिर हो जाऊ जो मैं उदास
मुझें प्यार सें समझाए वों
कुछ ऐसा है मेरे उनका गुस्सा
कभी गुस्से में करेले बन जाए
कभी शहद बन जाए वो
कभी गुस्से में आँख दिखाए
कभी गले से मुझे लगाए वो
कुछ ऐसा है मेरे उनका गुस्सा
गुस्से में भी उनकी आंखों मे
मेरे लिए सिर्फ प्यार है बस्ता
बस कुछ इसीलिए मुझे प्यारा है
मेरे उनका गुस्सा।

