यादें
यादें
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वो बिछड़ कर भी कहां मुझ से जुदा होता है,
मेरी हर सांस में एक उसका ही तो नाम लिखा होता है।
मैं भुलाना भी नहीं चाहती उसको लेकिन,
मुस्तक़िल ज़ख्म का रहना भी बुरा होता है।
वो बिछड़ कर भी कहां मुझ से जुदा होता है,
मेरी हर सांस में एक उसका ही तो नाम लिखा होता है।
मैं भुलाना भी नहीं चाहती उसको लेकिन,
मुस्तक़िल ज़ख्म का रहना भी बुरा होता है।