वो पागल सा लड़का
वो पागल सा लड़का
वो मिलकर भी मिलने की ज़िद बार-बार करता है,
हाँ वो लड़का मुझसे मोहब्बत बेशुमार करता है।
वो मान भी रखता है और वो सम्मान भी करता है,
वो जान भी कहता है और वो परेशान भी करता है,
हाँ वो बातों-बातों में इश्क का इज़हार भी करता है।
हाँ वो लड़का मेरे लिए अपनी हार भी करता है।
वो आह भी भरता है और वो राह भी तकता है,
हाँ वो देर होने पर मेरा इंतजार भी करता है!
वो शिकायत भी करता है और वो हिदायत भी देता है
हाँ वो मुश्किलों से मेरी नौका पार भी करता है।