Rochana Singh
Abstract
सफ़र में कुछ ऐसे मोड़ आते हैं,
जिनमें कुछ बेहद अज़ीज़ लोग भी साथ छोड़ जाते हैं।
जिन्हें ये फिक्र नहीं सर रहे न रहे
वो सच ही कहते हैं, जब बोलने पर आते हैं।
वो पागल सा लड...
यादें
वक्त कहां एक ...
इश्क़ हुआ मुझ...
सफ़र
समय कभी एक सा...
यादों का शहर
मोहब्बत आफ़त ...
अब प्यार नहीं...
जिन्दगी कैसी ...
ये सुखद अहसास, वक्त से कहो, अभी ठहर जाये दिल चाहता है। ये सुखद अहसास, वक्त से कहो, अभी ठहर जाये दिल चाहता है।
एक दिन जरूर दिखाता है सब को असली रूप। एक दिन जरूर दिखाता है सब को असली रूप।
सबका सहारा बनो इसके लिए सदैव तत्पर हो । अपने हर रंग से भर देती सबमें उमंग हो। सबका सहारा बनो इसके लिए सदैव तत्पर हो । अपने हर रंग से भर देती सबमें उमंग हो...
अपना मजहब ऊँचा और गैरो का ओछा, ये सोच हमें इन्सान बनने नहीं देती। दोस्त मेरी नजर में अपना मजहब ऊँचा और गैरो का ओछा, ये सोच हमें इन्सान बनने नहीं देती। दोस्त म...
रंग-बिरंगे पुष्प खिले हैं, आज प्रकृति के उपवन में। रंग-बिरंगे पुष्प खिले हैं, आज प्रकृति के उपवन में।
उसे पीकर या पाकर खुद अपनी मंजिल ढूंढ सको। उसे पीकर या पाकर खुद अपनी मंजिल ढूंढ सको।
तब तब भारत की डेहरी पर, भगवा का अधिकार हुआ। तब तब भारत की डेहरी पर, भगवा का अधिकार हुआ।
हम जिस देश में रहते हैं उसे कहते हैं भारत। हम जिस देश में रहते हैं उसे कहते हैं भारत।
रब है तू मेरा, सब कुछ है तू मेरा, मां से बढ़ कर ना है कोई दूजा। रब है तू मेरा, सब कुछ है तू मेरा, मां से बढ़ कर ना है कोई दूजा।
कहकर चला जाता हूं वैसे भी क्या याद करू सपने देखे सपने टूट जाते हैं। कहकर चला जाता हूं वैसे भी क्या याद करू सपने देखे सपने टूट जाते हैं।
दादी को नानी को ऐसे तमाम रिश्ते को जो एक स्त्री बिन है अधूरी। दादी को नानी को ऐसे तमाम रिश्ते को जो एक स्त्री बिन है अधूरी।
अरे मूढ, चेत अब वरन बाद मे पछताओगे पोछ न लेगा आंसू कोई जब जब इसे बहाओगे। अरे मूढ, चेत अब वरन बाद मे पछताओगे पोछ न लेगा आंसू कोई जब जब इसे बहाओगे।
सावधानी हमे बरतनी होगी सब तत्वों के शिखर पर हमको रखनी अपनी प्रकृति होगी। सावधानी हमे बरतनी होगी सब तत्वों के शिखर पर हमको रखनी अपनी प्रकृति होगी।
कोई किसी को खोता है, तो किसी को कोई खोता है। हर हालत में लेकिन सब, अपने अपनों के लिए कोई किसी को खोता है, तो किसी को कोई खोता है। हर हालत में लेकिन सब, अपने...
वक्त के हाथों की कठपुतलियां है सभी यहाँ, वैराग्य के मार्ग हेतु अरिहंत होना जरूरी है। वक्त के हाथों की कठपुतलियां है सभी यहाँ, वैराग्य के मार्ग हेतु अरिहंत होना ज...
कौन है वो न जानूँ में, बस, उसको ईश्वर की भेंट मानूँ में। कौन है वो न जानूँ में, बस, उसको ईश्वर की भेंट मानूँ में।
इनको क़ाबू करना तेरी, इतनी भी औक़ात नहीं। इनको क़ाबू करना तेरी, इतनी भी औक़ात नहीं।
जिसकी उड़ान से सृष्टि में नवनिर्माण जुड़ा हो। जिसकी उड़ान से सृष्टि में नवनिर्माण जुड़ा हो।
माँ -बाप गुरु बड़े बुजुर्गों को इज्जत सम्मान देना । भारत माँ, शहीदों को उनकी शहादत का माँ -बाप गुरु बड़े बुजुर्गों को इज्जत सम्मान देना । भारत माँ, शहीदों को उनकी ...
कहाँ गए मस्ती के वो पल मुझको मेरा बचपन लौटा दे। कहाँ गए मस्ती के वो पल मुझको मेरा बचपन लौटा दे।