पता नहीं , ये दुनिया ऐसी क्यों है ? पता नहीं , ये दुनिया ऐसी क्यों है ?
बचा सको तो बचा लो लक्ष्मी को अपनी, ये हर दीवाली झूठी तुम इबादत मत करो। बचा सको तो बचा लो लक्ष्मी को अपनी, ये हर दीवाली झूठी तुम इबादत मत करो।
लुत्फ़ पीकर के मदहोशी का, नीलम नहीं मालूम तुम्हें हाय!कम-बख़्त,आँखों के सिवा कभी पी ही नहीं तूने। लुत्फ़ पीकर के मदहोशी का, नीलम नहीं मालूम तुम्हें हाय!कम-बख़्त,आँखों के सिवा ...
नहीं देखना और किसी को, रंगना यही बस रंग मुझे। नहीं देखना और किसी को, रंगना यही बस रंग मुझे।
पलकों पे बिठाते है, जब तक न निकले मतलब फिर मुँह मोड़ लेना, दुनिया की है रिवायत पलकों पे बिठाते है, जब तक न निकले मतलब फिर मुँह मोड़ लेना, दुनिया की है रिवायत
जीवन में अपनाओ जीवन में अपनाओ