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इनायत

इनायत

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किससे करे हम शिकवा, किससे करे शिकायत?

सबने ही मिल कर की है, हमपर बड़ी 'इनायत'


पलकों पे बिठाते है, जब तक न निकले मतलब

फिर मुँह मोड़ लेना, दुनिया की है रिवायत


सलाह सबसे लेना, पर करना अपने मन की

बुजुर्गों की तालीम से मिलती है ये हिदायत


मिल जाए सच्चा दोस्त तो संभाल के रखना

फ़रेब करने वालों की है दुनिया में बहुतायत


दाल-आंटा, पेट्रोल-डीज़ल छू रहे है आसमाँ

जनतंत्र में कहीं भी अब मिलती नहीं किफ़ायत


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