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उद्धार

उद्धार

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बढ़ गए है दुर्जन दुराचारी,उनका हम संहार करेंगे

आओ हम सब मिलकरअपने देश का उद्धार करेंगे


मिल चुकी आजादी हमे, सत्तर साल बित चुके है

देश के सारे दुश्मनों को हम, रणमैदान मे जीत चुके है

अब अंदरुनी शत्रु से भी हम सब आँखे चार करेंगे

आओ हम सब......


एक राह के मुसाफिर हम सब, मंजिल अपनी एक है

मन में है निश्चय एक ही, इरादे अपने नेक है

हर भारतवासी के दिल में ज्ञान का हम संचार करेंगे

आओ हम सब......


अन्याय और अत्याचार का, नामोनिशान मिटाना है

शोषित-पीड़ित इस देश में,इन्कलाब हमे लाना है

कठिनाई बहुत है फिर भी,हम ये साहस इस बार करेंगे

आओ हम सब......


आज भी इस देश में, जिंदा जलती है नारियाँ

नई व्यवस्था लाने की, हम पर हैं जिम्मेदारियाँ

राह की सारी रुकावटों को, हम सब मिलकर पार करेंगे

आओ हम सब......


बढ़ती हुई आबादी पर,हमे नियंत्रण करना है

जियेंगे मरेंगे देश के लिए,आज हमे प्रण करना है

हर क्षेत्र में भारत की, तरक्की का हम विचार करेंगे

आओ हम सब......


सत्ता के बल पर जो यहाँ, फैला रहे हैं आतंक

नही बख्शेंगे अब उनको, चाहे राजा हो या रंक

सत्ता के भूखे भेड़ियों को,अब हम लाचार करेंगे

आओ हम सब......


भ्रष्टाचार के विषवृक्ष को,जड़ से उखाड़कर फेंकना है

फिर से ना उगने पाए ये, इस ओर हमे देखना है

गांधीजी के सारे सपनों को, हम अब साकार करेंगे

आओ हम सब......




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