इरादे
इरादे
इरादे है उनके देखो बड़े अजीब से
वे चाहते है पाना सत्ता मुझ गरीब से।
मजबूर उन्हें कर दिया इतना इलेक्शन ने
उतार लाये इसा को भी अब ये सलीब से।
अब जाने लागे बेझिझक मस्जिदों के भीतर
अल्लाह बचाये लोगों को उनके फरेब से।
गुरुद्वारो में हाजरी देने लगे कुछ दिनों से
बेनकाब कर उन्हे, ये इल्तजा है रब से।
भगवान से भी करते हैं जो लोग सौदेबाजी
उठाके कर दो बाहर उनको बड़े अदब से।