हे मन चंचल
हे मन चंचल
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हे मन चंचल, चल सीधा चल
सजग रहना तू हरपल
पञ्च शत्रु से सावध रहना
अपनी बात किसी से न कहना
थम जा अब तू थोड़ा सा
इतना न मचल
हे मन चंचल
आज में जीना, आज में मरना
कल की तू मत चिंता करना
आज का दिन है तेरा
ये नहीं आएगा फिर कल
हे मन चंचल
लाख बाधाए आएगी
तुझको जो भरमाएगी
पथभ्रस्ट कर देगी तुझको
जिंदगी भर बहकाएगी
रौंद के सारी बाधाए
रह अपने पथ पर अटल
हे मन चंचल
दृढ़ता में ही जीत हैं तेरी दुर्बलता में हार हैं
भूलकर भी ना तुझको
करना कभी अविचार है
ये दुनिया है एक छलावा
रंग बदलती पल - पल
हे मन चंचल
