यादें
यादें


कभी कोई वक्त था, जब,
यादों की जुगाली करती रहती थीं मै,
बेेेेेवजह हंसती, मुुुुुस्कुराती रहती थीं मैं,
अब बस वो कड़वी कुुंनेन की गोली सी यादों को,
अल्फाज़ दर अल्फाज़ निगल लेती हु मैं ।
कभी कोई वक्त था, जब,
यादों की जुगाली करती रहती थीं मै,
बेेेेेवजह हंसती, मुुुुुस्कुराती रहती थीं मैं,
अब बस वो कड़वी कुुंनेन की गोली सी यादों को,
अल्फाज़ दर अल्फाज़ निगल लेती हु मैं ।