मैं और तुम
मैं और तुम
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मै, और मेरे अंदर के तुम,
जब आपस मेंं बातें करते हैं,
तब, श्वास प्रश्वास रुक सा जाता है,
मानो आकाश आ जाता है कहीं दूरsssss,
धरती से मिलने, क्षी्तिज बन,
अक्सर सूर्य मैंने देखा है ज़मीं पर,
मेरे बहुत करीब,
और रंग देता है मेरा पूरा संसार रक्त,
रक्त आकाश, रक्त धरती , रक्त मै और रक्त तुम,
सिर्फ बातेे करते हैं तो ये हाल है,
जब मिलोगे तुम तो बताओ क्या होगा?