साबित करो
साबित करो
साबित करो, साबित करो वो
कहते हैं साबित करो
साबित करो तुम यहीं के हो
प्यार है तुम्हे इस सरज़मी से
जड़ें यहीं की हैं तुम्हारी
तुम यहीं से उगे हो
साबित करो साबित करो
वो कहते हैं साबित करो
कैसे साबित करूं
कैसे साबित करूं ,
अपने प्यार को
वफाओं को
कि जितनी बार सजदा किया चूमा इस सरज़मी को
इसकी मिट्टी से ही रोशन किया है खुद की जबीं को
कैसे साबित करूं कैसे साबित करूँ
कि यहाँ की आबोहवा घुली हुई है मेरी साँसों में
इस मिट्टी का सरमाया ही बन कर खून दौड़ रहा रगों में
पीढ़ी दर पीढ़ी कितनी ही पुश्ते दफ़्न हैं इस मिट्टी में
क्या ये साबित हो सकता है किसी कागज़ या चिट्ठी से
जब भी मुसीबत आन पड़ी हँस कर सर कटवा दिए
कितने ही मैडल हमने भी इसके सीने में जड़वा दिए
दिन रात हम तुम साथ रहे सुख दुख में शामिल हुए
कितनी ईद दीवाली साथ मनाई इक सफर के राहिल हुए
इंसान इंसान को पनाह दे, इज़्ज़त दे, हक़ूक़ दे
इस सोच पर हमें भी नाज़ है
मगर अपने ही मुल्क़ में कोई हमें ग़ैर कह दे
इस बात पर हमें ऐतराज़ है
हां ऐतराज़ है
बहुत ऐतराज़ है।