दिल
दिल
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काश भगवान ने दिल ना बनाया होता
दिल में भावना को बहने ना दिया होता
उम्मीदें टूटने पर दिल ना रूठा होता
दर्द महसूस होने पर फुटकर ना रोता
ना किसीको हद से ज्यादा चाहता
ना किसी से कभी नफरत करता
ना किसी से मिलने की मिन्नते करता
ना किसी को ना देखने की दुवा करता
ना किसीको दिल से दिल देता
ना किसीको जी भर के कोसता
ना कुछ पाने की चाहत करता
ना कुछ खोने की फिक्र करता।