औरत
औरत


डर लग रहा है मुझे
इस दुनिया मे जिनें मे
तारों के जहाँ में ही
महफूज रहूंगी मैं
किस पर भरोसा करे
किस पर ना करे
न जाने दरिंदे
किस भेष में घुम रहे
क्यों ना याद रखते की
कि ये भी किसी की बेटी है
औरत है तो क्या हुआ
ये भी एक इन्सान ही है
हम पर नाईंसाफी तो
खुद खुदा ने की है
लिखी ऐसी तकदीर जिस में
दर्दनाक हकीकत लिखी है।
#मनिषा वाल्मिकी