जूते की जवानी
जूते की जवानी
जमाने की बिकती हवा से
क्या-क्या खरीदोगे
पसीने की बूंदें
माथे की लकीरें
हाथों की कालिख
घिसी चप्पलें
फटे पैरो की बिवाई
बेतरतीब हाल।
किसी चौराहे
सड़क किनारे
दिख जायेंगे
अपनी फटेहाल
ज़िन्दगी को
धागे से सीते,
कील ठोकते,
पॉलिस करते हुए।
वो मोची है
जो जूतों को
जवानी देता है ।