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Neha Dubey

Drama

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Neha Dubey

Drama

अनटैग

अनटैग

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कौन तय करता है 

इन लड़कियों के दायरे

क्या उन दायरों मे शामिल नहीं

उन का बेफ़िक्री भरा जीने का अंदाज़।


हाथों को फैलाये हवा से मिलना

अपनी पसंद के लफ्ज़ो को चूमना

अपने हिस्से का आसमान देखना

और सजाना अपने ख़्वाबों की दुनिया।


क्या ये अच्छी लड़की एक ख्याल हैं

या एक दायरा जिसे वो क़भी

लांघने की कोशिश नहीं करती, 

हाँ करती हैं कुछ इस से उक्ताकर

इसे पार करने की एक नाकाम सी कोशिश।


पर फिर से धकेल दी जाती हैं क़ायदे क़ानून

बता समाज के दायरों में औऱ

दायरा जिस की आड़ मे नकारी जाती है 

उनकी उड़ने की हर संभावनायें।


अच्छी लड़की ताउम्र भाग कर भी नहीं भागती

ना खुद से ना हक़ीक़त से और

ना ही कभी भागती है वो

अपने ख़ंयालों में डायरियों के पन्नों पर।


अच्छी लड़की एक ख्याल है 

क्यू छोड़ नहीं देते 

एक दायरा क्यू तोड़ नहीं देते इसे।


क्या इतना मुश्किल होगा 

एक आज़ाद ख़्याल देना।

शायद इतना मुश्किल तो नहीं है

मुझे औऱ उन तमाम लड़कियों को

हर दायरे से आज़ाद करना।


तो क्यूँ ? क्यूँ नहीं कर देते अनटैग 

ये अच्छी लड़की वाले टैग से

और भी कई टैग जो अब तक लगाए गए

और आगे भी लगाएँ जायँगे।


दे दो ना एक अपना सा जहान

जहाँ घड़ी के काँटे जब अपना तय वक़्त लांघे

तो दामिनी सा मंजर जहन मे ना झांके।


एक डर, एक ग़लती

घुटनों से एक बिलस्त छोटी ड्रेस का

अपराध बोध मन में ना लागे।


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