ये भूलों का शहर है
ये भूलों का शहर है
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ये भूलों का शहर है
यहाँ हर बात भुलाई जाती है।
गौरी लंकेश हो या मासूम बच्चा
यहाँ हर खून धोया जाता है।
देख कर सुन कर
हर बात हवा में उड़ाई जाती है
लड़ने के डर से सही बात पर
होठों पे चुप्पी साधी जाती है।
ये भूलों का शहर हैं
यहाँ हर बात भुलाई जाती हैं।
हो कोई भी 'निर्भया' यहाँ
बस मोमबत्ती बुझने तक
याद रखी जाती है
ये भूलों का शहर है
यहाँ हर बात भुलाई जाती है।
गांधी, भगत सिंह, राजगुरु...
हो कोई भी यहाँ चौराहे
की प्रतिमा में
बस जयंती पर नमन कर
हार चढ़ाया जाता है।
ये भूलों का शहर है
यहाँ हर बात भुलाई जाती है।