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Neha Dubey

Romance

4  

Neha Dubey

Romance

"महत्वहीन उम्मीद के नीले पंछी"

"महत्वहीन उम्मीद के नीले पंछी"

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हल्की बारिश की बूंदों में 

भीगते एहसास,

मिट्टी की खुशबू को समाये,

मैं घर की खिड़की से बाहर की

दुनिया को बड़ी देर से देख रही हूँ।


देख रही हूँ बारिश में 

हरियाली का छाता ओढ़े

धरती के मुखड़े को 

कुछ दिखा है,

ऐसा, जिसने मन के कैनवास पर 

भावनाओं के कई रंग एक साथ बिखेर दिए हैं।


कलम, जिसे हरियाली औऱ

बारिश की बूंदों के बीच 

कुछ अनकहे लफ्ज़ मिल गए हैं

एक बेल, जो घर के मेन गेट के पास

बारिश का अपनत्व पा,

नीले आकाश के प्रेम से उग आई है।


हाँ, वो बेल, जिसने सीमेंट से 

पट्ट ज़मीन को चिड़ा कर 

दीवार का सहारा बना,

झूमने का मन बनाया है।

नई कोंपलें, जो बेधड़क दीवार पर

चढ़ने की कोशिश में लगी हैं।

सब देख रही हूं मैं।

देखते ही देखते कुछ सवाल भी

बूंदों के साथ ज़हन में बरसने लगे हैं।

कब तक ये यूँ ही झूमती रहेंगी ?

कितने दिन यहाँ मेहमान बन ठहरेंगी ?

कितने दिन बारिश की बूंदों को

अपने पत्तों पर ठहरा,

कुछ वक़्त के लिए पनाह देंगी ?

कितने दिन बेफ़िक्री में यूँ ही 

बिन दुनिया की परवाह किए,

हवा के साथ खेलेंगी ?

मैं उस की खुशी,

उस के आज में, उसका कल, 

उसके अंत को भी साफ़

देख फिक्रमंद हो रहीं हूँ।


औऱ सोच रही हूँ,

क्या एक हवा का झोंका 

काँच सी ठहरी बूंदों को

अपने साथ ले जायेगा ?

और, क्या ये बेल उखाड़ फेंक दी जायेगी ?

उसी दिन, जिस दिन 

आँख की दीवार पर चढ़ेगी...

क्योंकि ये जंगली बेल 

कहाँ सुंदरता बढ़ाती हैं 

हाइब्रिड वाले,

दिखावटी सजावट के लिए 

लगाए गए पेड़ पौधों की तरह

उसका यहाँ होना कोई महत्व नही रखता।


वैसे ही जैसे एक अनचाहे प्रेम का 

दुनिया के बनाए रिश्तों में होना 

जानती हूँ, 

वो इंसानी दिमाग़ की तरह आज

औऱ कल में नहीं उलझी है।

वो तो बस अभी और आज में

हवा के साथ झूमने में मस्त नज़र आ रही है।


बहुत मुश्किल हैं, लेकिन कितना जरूरी है न, 

हर किस्म के विषाद का नीलापन

अपनी आंखों में समेट लेना,

फिर भी दिल का हरापन बचाए रखना।


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