जय जवान
जय जवान
भारतीय सेना का
इतिहास
गौरवशाली रहा है,
पर हम आजकल
फिसलते जा रहे हैं !
और हम तमाम
आलोचनाओं से
घिरे जा रहे हैं !!
भड़काऊ भाषण
भंगिमा सेनाध्यक्ष
ने भी अपना लिया,
हमें तो लगने लगा
अपने गौरव को
राजनीति का चोला
पहना दिया !!
'जिनेवा संधि 'को
ताक पर रख
'मानव ढाल' बनाना
अपराध था ,
फिर उन्हें वीरता का
पुरस्कार देना
कहो क्या शान था ?
जाँच का निर्णय
अभी तक हो न पाया
कौन दोषी, कौन रक्षक है
अभी यह कह ना पाया !
जल्दबाजी में हम सब
ऐसी दृष्टता कर रहे हैं
सेन्य के इतिहास को
हम धूमिल कर रहे है !!