ख़ुशियाँ
ख़ुशियाँ


ख़ुशियाँ किसी पैसे की मोहताज नहीं होतीं ,
दर्द की चीख होती है पर ख़ुशियों की आवाज़ नहीं होती
झोंपड़ी में रह कर भी कोई आराम से सो रहा होता है,
महलों में बिछौनों पर भी कोई परेशान हो रहा होता है
रूखी सूखी खा कर भी कोई तृप्त हो जाता है,
रबड़ी मेवे सामने पड़े होने पे भी कोई खा नहीं पाता है
बड़ी बड़ी ख़ुशियाँ जिंदगी में बहुत कम हो सकती हैं,
हर रोज़ की छोटी छोटी ख़ुशियाँ बहुत मायने रखती हैं
कुछ बड़ा पाने की चाह में दुखी होना नादानी है,
छोटा सा कुछ पा कर खुश होना समझदारी की निशानी है
जीवन की सुंदरता इसी में है कि हम दिल से खुश रहें,
सबसे प्यार करें, किसी से कुछ बुरा न करें न कहें
इस दुनिया में हर तरफ प्यार हो, ख़ुशी हो,
चलो सब मिल कर ईश्वर से कहें,
गीता में भगवान कृष्ण कहते हैं, भूत का पश्चाताप मत करो,
भविष्य की चिंता मत करो, अपने वर्तमान में खुश रहें