क्यों गया तू
क्यों गया तू
![](https://cdn.storymirror.com/static/1pximage.jpeg)
![](https://cdn.storymirror.com/static/1pximage.jpeg)
कुछ पल की थी तेरी यादें
फिर भी हर पल में बस गया तू
कितना रोई फिर भी न धुली
धड़कन में रच बस सा गया तू
हर पल देखा था तुझको तो
आँखों मे खुद को छोड़ गया तू
हर पल सुनती थी तुझे तो
कानों में शब्दों को छोड़ गया तू
बस तेरी बातें थी लब पर तो
बातों में ही रह गया तू
सांसो में घुली थी तेरी महक
फिर सासें ही रोक गया तू
इतना ही रहना था मुझमें तो
फिर क्यों आशियाना छोड़ गया तू