STORYMIRROR

Archna Goyal

Others

4  

Archna Goyal

Others

परिंदे

परिंदे

1 min
535

उड़ने को तो वही बेक़रार होता है

जो पंक्षी पिंजरे में कैद होता है


नीला अंबर दिखता तो है लेकिन

अंबर पर परवाज  निषेध होता है


मनचाहा मिल जाए खाने फिर भी

खुले में ना चुगने का खेद होता है


आते जाते पुचकारते  दुलारते सब

तो भी पिंजरे गगन में भेद होता है


दिले अरमां रित जातें हैं तब माही के

जब भी उम्मीदों के घट में छेद होता है.



Rate this content
Log in