माँ
माँ

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'क्या होता है माँ का प्यार
कैसा होता है उसका दुलार
इन सब बातों से मैं अनजान
मैं हूँ बिन माँ की संतान...
कैसे सुलाती है लोरी गाकर
कैसे जगाती है थपकियाँ दे कर
मैं कैसे ये जान पाऊँ.....
माँ मैं तुझे कहाँ से लाऊं...?
व्यथित मन करे माँ की पुकार
कौन है जो सुन सके मेरी गुहार
बचपन के दिन लौटा दे कोई
मेरी माँ से मिला दे कोई...
टूट चुका है 'हृदय' खिलौना
जल गया रे जीवन बिछौना
कौन बने मेरी नैया का खिवैया
माँ की गोद बन जा री पुरवैया....!!!!!