STORYMIRROR

Axan Mikaya

Abstract Tragedy

4  

Axan Mikaya

Abstract Tragedy

प्यार लौटा दो

प्यार लौटा दो

1 min
579

गम दो मुझे सता दो

दुख दो मुझे सजा दो 

तड़पाओ मुझे रुला दो

हारे हुए तुम हरा दो

गिरा हूँ जमीन मे दबा दो

जुर्म किया है तो सजा दो


जिसे देखने के लिए मै पल पल तड़पा

जिसकी आवाज सुनने के लिए मै तरसा

 मुझे उनसे मिलवा दो

मुझे मेरा प्यार लौटा दो।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract