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Axay Kumar

Romance Tragedy

4.5  

Axay Kumar

Romance Tragedy

तड़प

तड़प

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190


इस तरह इश्क ने डरा दिया

यूं पागल मुझको बना दिया


इस तरह डर के अपनों से

खुशियों से और सपनों से


इस तरह तड़प से उबरा हूं

रो रो कर दर्द से गुजरा हूं


डर लगता था तब जीने से

फिर मैंने तुमसे बात कही


मरता हूं तुम पर सताओ मत

प्यार करता हूं तड़पाओ मत


दर्द हो रहा है रुलाओ मत

डर रहा हूं छोड़ जाओ मत।


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