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Axay Kumar

Tragedy Others

4.0  

Axay Kumar

Tragedy Others

और बस तन्हा रह जाऊँ

और बस तन्हा रह जाऊँ

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कब तक मैं दिमाग चलाऊँ

बस रास्ते ढूँढता जाऊँ 

दूर दूर तक पास ना पाऊँ 

और बस तन्हा रह जाऊँ


शीशे से अब बात करूं

खुद के खुद से खुद की फरियाद करूँ

खुद से लड़कर खुद ही हार जाऊँ 

और बस तन्हा रह जाऊँ


रातों में अब नींद नहीं दिन में अब चैन नहीं

दुनिया से बस लड़ता जाऊँ

और बस तन्हा रह जाऊँ 


कभी हंसू कभी रो जाऊँ 

ताकतवर बनाऊ ताकि लड़ पाऊँ 

सब कुछ खोकर भी हँसता जाऊँ 

और बस यूं ही उलझा जाऊँ 

और बस तन्हा रह जाऊँ


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