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Swati Garg

Abstract

3  

Swati Garg

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याद आया

याद आया

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आज तेरी यादों का फिर से नशा छाया,

तेरे साथ बीता हर लम्हा याद आया, 


किस तरह तूने हमें जीना सिखाया, 

किस तरह खुद को खुद ही में रहना सिखाया, 

आज सारी ख़ुदी बेख़ुदी ने फिर से डेरा बसाया, 

तेरे साथ बीता हर लम्हा याद आया। 


किस तरह तूने इस दिल को तिल तिल अपना बनाया, 

किस तरह तेरी बातों ने हर बार उम्मीदों को जगाया, 

इन्हीं बीती बातों ने इन आँखों से फिर पानी छलकाया, 

तेरे साथ बीता हर लम्हा याद आया। 


किस तरह तूने सोए हुए दिल को धड़काया, 

किस तरह तूने हमें प्यार करना सिखाया, 

उन यादों ने इन आँखों को आज फिर घर बनाया, 

तेरे साथ बीता हर लम्हा याद आया।। 


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