एक तरफ़ा इश्क़
एक तरफ़ा इश्क़
एक तरफा प्यार का भी एक अलग ही एहसास होता है,
कभी सुकून तो कभी दर्द देता है।
यूँ तो इसकी अलग ही मस्ती है,
पर ये मिटा देता अच्छी ख़ासी हस्ती है,
हर कोई करने के बाद ग़मों को घूँट-घूँट पीता है,
एक तरफा प्यार कभी सुकून तो कभी दर्द देता है।
अपने प्यार को छिपकर निहारना,
उसकी हर अदा पर इस कदर फ़िदा हो जाना,
फिर उसका किसी और का हो जाना,
उसे देखकर ये कसमसा हुआ मन बहुत कुछ कहता है,
एक तरफा प्यार कभी सुकून तो कभी दर्द देता है।
यूँ तो एक तरफा प्यार औरों से सच्चा होता है,
मिले या ना मिले फिर भी खुद में पूरा होता है,
उसकी ख़ता भी ख़ता नही लगती,
उसकी ही इस दिल को बस रज़ा है रहती,
चाहकर भी उसके सामने ये दिल कुछ बोल नही पाता है,
एक तरफा प्यार कभी सुकून तो कभी दर्द देता है।
यूँ तो इस दुनिया में सबसे ज़हरीला सांप होता है,
पर एक तरफा प्यार
ये उसका भी बाप होता है,
कभी बेसबब ख़ुशी तो कभी गम,
कभी बेख़ुदी से तोड़ देता है,
एक तरफा प्यार कभी सुकून तो कभी दर्द देता है।