वो पहली मुलाकात
वो पहली मुलाकात
किसी ने कहा तस्वीर वाली शख़्सियत का
कुछ तो बखान करो तुम,
उनकी खूबसूरती को जरा लफ़्ज़ों में बयां करो तुम।
तो हमने कुछ यूँ कहा
गौर फ़रमाइयेगा,
निगाहें उनकी और भी ज्यादा नशीली थी,
मासूमियत तो मानो टपक रही थी,
लब उनके तबस्सुम से लिपटे हुए थे,
और वो
ज़ुल्फ़ सँवारने का भी अलग अंदाज़ लिए थे,
और क्या कहे उनकी तारीफ़ में हम,
आधे तो उनकी तस्वीर से घायल थे
आधे पहली मुलाक़ात ने कर दिए हमें ।।
