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Swati Garg

Abstract

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Swati Garg

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अपनी तलाश है

अपनी तलाश है

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तेरे उसूलों से खुद को तराशने में ज़िंदगानी गुमा दी, 

तेरे दिल में खुद को तलाशने में ज़िंदगानी बिता दी, 

पर ना तराश पाए खुद को 

ना तलाश पाए खुद को। 

तेरे इश्क़ में खुद की आबरू भी भुला दी, 

तेरे इश्क़ में खुद की हर ख़्वाहिश सुला दी, 

पर तुझसे ना आबरू दिला पाए खुद को

ना तेरे संग होने की तसल्ली दिला पाए खुद को। 


अब दिल को ना तो तेरे उसूलों की परवाह है

ना ही तेरे संग रहने की आस है, 

अब तो बस हमें हर मोड़ पर अपनी तलाश है।। 



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