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Swati Garg

Abstract

3  

Swati Garg

Abstract

आहिस्ता आहिस्ता

आहिस्ता आहिस्ता

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कुछ तुम हमें पढ़ लेना, 

कुछ हम तुम्हें पढ़ लेंगे, 

बस इस कदर एक दूसरे को जान लेंगे

आहिस्ता आहिस्ता। 


कुछ तुम हमें तवज्जोह देना, 

कुछ हम तुम्हें भी प्यार कर लेंगे, 

बस यूँ ही तुम्हें भी प्यार हो जायेगा

आहिस्ता आहिस्ता। 


कुछ तुम ख़ुद को सुधार लेना, 

थोड़ा हम भी ख़ुद को सँवार लेंगे, 

बस यूँ ही एक हसीन रिश्ता बन जायेगा

आहिस्ता आहिस्ता। 


कुछ मुश्किलों में तुम हमें सम्भाल लेना, 

कभी हम तुम्हें सम्भाल लेंगे, 

बस यूँ ही ज़िंदगी गुज़ार लेंगे

आहिस्ता आहिस्ता।। 



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