STORYMIRROR

DR. RICHA SHARMA

Drama

3  

DR. RICHA SHARMA

Drama

वसुधैव कुटुंबकम

वसुधैव कुटुंबकम

1 min
799

वसुधैव कुटुंबकम का सही अर्थ कि सारे विश्व में है इतना दम

हम भारत देश में रहने वाले नहीं हैं किसी भी बात में कम।


प्रत्येक के जीवन से सदा दूर मिटाते हैं अपने बल पर तम

तब कहीं जाकर प्रकाश फैलाते हुए स्वयं को बनाते हैं सूर्य सम।


पुण्य व बुलंद हौसले से भरे चमकते रहते हैं हीरे समान हरदम

हँसते-मुस्कुराते हुए भीतर सहेज लेते हैं हर दुखियारे का गम।


अपनी क्षमता के आधार पर कभी नहीं होने देते नयन नम

हिंदू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई सभी मिल बजाते हैं सरगम।


मुसीबतों, यातनाओं को ललकारते हुए कहते हैं यहीं थम

देख दुष्ट! तेरे समक्ष खड़ा है वीर योद्धा बनकर तेरा यम।


वसुधैव कुटुंबकम ने सदा हमें ये ही सिखाया है

अमीर-गरीब सभी को एक समान गले लगाया है।


ईर्ष्या-द्वेष की भावना को हर किसी के मन से मिटाया है

वसुधैव कुटुंबकम ने इसी पावन धरा पर स्वर्ग बसाया है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama