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Habib Manzer

Drama

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Habib Manzer

Drama

वफा की बातें मेरे सामने

वफा की बातें मेरे सामने

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वफा की बातें, मेरे सामने, नही कहना

हमारी याद मे, तुम भी कभी, नही रहना


ख्याल आता है, दिलको तुम्हारी, चाहत का

हसीन फरेब, मुहब्बत मे, तुम नही रहना


बताओ दिलको मेरे, कयों तेरी ज़रूरत है

बिना उम्मीद के, अब कुछ, यक़ीन नही करना


मै कैसे भुलुंगा दिलसे तेरी मुहब्बत को

भुलाना है तूझे, अब आह भी नही भरना


चला भी जाता सनम तेरी महफिलो से मै

मूझे था ईश्क सनम तुमसे बस यही कहना


भूला दो दिलसे मूझे याद फिर नही करना

हमारे ज़ख्मों पे मरहम सनम नही भरना


मूझे भी तुमने बुलाया था सरे महफिल मे

छुपा के दिलकी हर एहसास तुम नही रहना


जितनी बातें मेरे दिलमे हैं सिर्फ तेरे हैं

सवाल मेरी मुहब्बत पे तुम नही करना


भुलाना चाहो अगर

दिलसे तुम भी मंज़र को

गले लगाये बिना

मूझको तन्हा मत करना...!


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