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उर्वील सिंह

Romance

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उर्वील सिंह

Romance

वो ख्वाब रह गई

वो ख्वाब रह गई

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नज़र मिली और आहिस्ता,

हाल-ए-दिल कह गई।

लबों को कुछ ना कह पाने की,

कसक रह गई।


गर्म सांसो की आह पसरी,

उसकी ठंडी यादों पे।

ख्वाब से निकला दिल तो लगा,

वो ख्वाब रह गई।


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