"ख़ामोशी से बोलेंगे हम"
"ख़ामोशी से बोलेंगे हम"
उठे कसक तो थाम के मन को,
अब रातों को रो लेंगे हम।
कोई लाख दे दस्तक दिल पे,
लेकिन दरवाज़े ना खोलेंगे हम।
बड़े कहे अफ़साने उसने,
बड़े सुने अफ़साने हमने।
अब शब्द हमारे शोर करेंगे,
और ख़ामोशी से बोलेंगे हम।।
