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उर्वील सिंह

Romance

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उर्वील सिंह

Romance

हमसे मिलने प्रिय मेरे तुम

हमसे मिलने प्रिय मेरे तुम

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जब लांघ क्षितिज को प्रथम किरण,भूमि को आलिंगन करे

जब मोह माया से मुक्त हो सरिता, सागर संग संगम करे।


जब ओस की बूंद लगे पिघलने, सूरज की तपन में

जब भोली रात सिमट जा बैठे सूर्य की चरण में।


जब देख के सारे प्रेम प्रसंग ये, याद हमारी आने लगे

हमसे मिलने प्रिय मेरे तुम, बरगद के नीचे आ जाना।


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