'नज़र मिली और आहिस्ता, हाल-ए-दिल कह गई, लबों को कुछ ना कह पाने की, कसक रह गई।' पहेली नजर के प्यार की ... 'नज़र मिली और आहिस्ता, हाल-ए-दिल कह गई, लबों को कुछ ना कह पाने की, कसक रह गई।' पह...
कितने साथी कितने संगी कितने राही मदमस्त हुए, जीने की इस अभिलाषा में, कितने पीकर फिर तृप्त हुए।' हाल-... कितने साथी कितने संगी कितने राही मदमस्त हुए, जीने की इस अभिलाषा में, कितने पीकर ...
मैंने सी रखी हैं कुछ चाहतें अपनी .. दिल में ही तुम गर साथ दो तो हाल-ए-दिल .. लफ्ज़ों मैंने सी रखी हैं कुछ चाहतें अपनी .. दिल में ही तुम गर साथ दो तो हाल-ए-दिल .. ...
स्वयं रो रहा किन्तु हर्ष का, बीजवपन कर आता है ! स्वयं रो रहा किन्तु हर्ष का, बीजवपन कर आता है !
ए दिल! बता मुझको उनसे दिल लगाने की सज़ा मिली तो क्यों मिली मुझको । ए दिल! बता मुझको उनसे दिल लगाने की सज़ा मिली तो क्यों मिली मुझको ।
दीद के बाद, होश जाते रहे। क्या बयाँ करता मैं जलाल तिरा। दीद के बाद, होश जाते रहे। क्या बयाँ करता मैं जलाल तिरा।