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मिली साहा

Romance Tragedy

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मिली साहा

Romance Tragedy

वो अधूरा इश्क़

वो अधूरा इश्क़

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जाने किस राह किस मोड़ पर कैसे बिछड़ गए हम,

इंतजार की आरज़ू से तन्हाई के इस मंज़र में आ गए हम,


कशमकश भरी जिंदगी में मोहब्बत ने जीना सिखाया,

फिर क्यों इश्क की अधूरी मंजिल पे आकर रुक गए हम,


जाने मोहब्बत का कौन सा इम्तिहान बाकी था हमारा,

तक़दीर का खेल तो देखो पास आकर भी दूर हो गए हम,


ख्वाबों की एक खूबसूरत दुनिया जो बसाई थी हमने,

उस दुनिया की बस अधूरी कहानी बनकर ही रह गए हम,


अधूरी थी हमारे हाथों की लकीरें इश्क मुकम्मल न हुआ,

इश्क की किताब में महज़ एक शब्द बनकर रह गए हम,


ऐसी किस्मत पाई कि तकदीर को दीदार भी मंजूर नहीं,

इश्क की दास्तां इस क़दर उलझी, सुलझा भी न सके हम,


अधूरे ख्वाब,अधूरी ख्वाहिशें,वो अधूरा इश्क़ हमारा,

मुख्तसर सी जिंदगी के बस अफसाने बन कर रह गए हम।


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