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Pratibha Bhatt

Abstract Inspirational

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Pratibha Bhatt

Abstract Inspirational

विज्ञान के नजरिए से जीवन

विज्ञान के नजरिए से जीवन

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न्यूटन के तीनों गति के नियम की तरह

सुख - दुख दोनों जीवन में 

पहिए जैसे चलते रहे

जड़त्व का सिद्धांत भी 

बुद्धि पर लागू हुआ

जब जीवन चुनौतीमय बन गया

आइंस्टीन के सापेक्षिकता सिद्धांत की तरह

हर अवसर सापेक्ष चलता रहा 

कभी ब्लैक होल जैसे अंधेरा भी छाया

तो कभी रेड जाइंट बनकर अस्तित्व उभर आया

ब्रह्मांड के हर कोने कोने से विचार

यात्रा करते रहे सपने की दूरियां

घुमाते रहे, 

सारी मुसीबतें और अवसर

अपनी अपनी धुरी पर 

चक्कर लगाते रहे

गैलेलियो के जैसे हम 

टेलिस्कोप बनाते रहे

जे सी बोस ने

 रडार की तकनीक खोजी 

पर हम मन के भीतर

डुबकी लगाते रहे 

खुद को ही खोजते रहे 

किस्कोग्राफ पर 

जीवन स्पंदन देखते रहे 

हैरीमैन और न्यूवुड

के सिस्मोग्राफ

जीवन रूपी 

भूकंप मापते रहे

कभी जमीन हिल गई 

तो कभी औंधे आ गिरे 

तो कभी डाप्लर के नियम जैसे 

लोग रिश्ते निभाते गए 

कभी दूर तो कभी पास आते गए 

मोसले की आवर्त सारणी 

की तरह तत्व खोजने हम निकले

जीवन के तत्व, जीवन के लोग,

अपवाद आते रहे बहुत 

खुश कोई नही हुआ 

पर फर्ज निभाते रहे 

योग्यता भी कभी 

ऐसे लगी जैसे

मेंडल के अनुवांशिक नियम 

का पालन कर रही हो

कभी कम कभी ज्यादा 

तो मिश्रित बन रही हो

लेकिन डार्विन का 

संघर्ष का सिद्धांत

अगर जीवन में आगे

 रहना है तो सुनो 

जीवन में जद्दोजहद 

करनी होगी 

रोटी कपड़ा और मकान

 की अहमियत 

 और अंत में

स्ट्रगल फॉर सर्वाइवल

करना होगा


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