कच्चे-पक्के, मीठे पेड़ों को देकर जीवन बढ़ी, चली आगे बढ़ी चुपचाप, चुपचाप, चुपचाप। कच्चे-पक्के, मीठे पेड़ों को देकर जीवन बढ़ी, चली आगे बढ़ी चुपचाप, चुपचाप, चुपचाप...
जब पलटा उसके शव को तो सब दंग रह गये, हर देखने वाले के नैन उस समय नम हो गये... जब पलटा उसके शव को तो सब दंग रह गये, हर देखने वाले के नैन उस समय नम हो गये...
धरती काँपी, अम्बर डोला, पल-भर में हाहाकार मचा। धरती काँपी, अम्बर डोला, पल-भर में हाहाकार मचा।
प्रकृति फल, फूल, जल, हवा, सब कुछ न्योछावर करती, ऐसे जैसे माँ हो हमारी। प्रकृति फल, फूल, जल, हवा, सब कुछ न्योछावर करती, ऐसे जैसे माँ हो हमारी।
पत्नी की हलकी मासुम मुस्कान देखकर, पति ने कहां क्या ये था पत्नी-कंप हंसकर ? पत्नी की हलकी मासुम मुस्कान देखकर, पति ने कहां क्या ये था पत्नी-कंप हंसकर ?
चंद महीने ही गुज़रे हैं हो गए सब बेहाल जाने कैसा गुजरेगा अब ये पूरा साल! चंद महीने ही गुज़रे हैं हो गए सब बेहाल जाने कैसा गुजरेगा अब ये पूरा साल!